अभी अभी

TRP और टेंशन

Tuesday, November 30, 2010
दिन में टेंशन रात में टेंशन जागते हुए टेंशन सोते हुए टेंशन क्या बनाउं.. क्या दिखाउं... क्या करूं की टीआरपी आए... टीआरीपी पागल बन...Read More

ज़िंदगी और जंग

Saturday, November 13, 2010
रिश्तों को टूटता देख रहा हूं बंधन को बिखरता देख रहा हूं काश मैं वक्त को रोक देता सबकुछ हाथों से सरकता देख रहा हूं हंसी भी थी खुशी भी ...Read More

यही दुनिया है....

Friday, August 06, 2010
यही दुनिया है यही दुनिया की रीत है हंस कर बोलते हैं सभी सामने पीठ पीछे लगते हैं गला दबाने राम जाने ये कैसी प्रीत है... यही दुनिया है....Read More