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पठानकोट आतंकी हमले में कैसे हुई कार्रवाई और कहां हुई चूक ?



आतंकी ने मां को बोला कुर्बानी देने जा रहा हूं

सुरक्षा एजेंसियों ने शुक्रवार की रात कुछ फोन कॉल्स इंटरसेप्ट किए जिनसे पाकिस्तान बात की गयी. इन फोन कॉल्स से पता चला कि आतंकवादियों का एक ग्रुप पंजाब के पठानकोट में हमले की तैयारी कर रहा है. कुल चार फोन कॉल किए गए जिनमें से तीन पाकिस्तान में बैठे उन हैंडलर्स को किए गए जो इस आतंकी हमले की कमान संभाले बैठे थे. आतंकियों ने अपने आकाओं को बताया कि उन्होंने पंजाब के सीनियर पुलिस ऑफिसर पर हमला किया है. चौथी कॉल एक आतंकी ने अपनी मां को किया जिसमें उसने कहां कि वो कुर्बानी देने जा रहा है, इस पर उसकी मां ने कहा कि पहले वो खाना खा ले फिर जो काम उसे करने के लिए भेजा गया है वो करे.

आतंकियों ने पठानकोट के एसपी पर हमला किया, गाड़ी-मोबाइल छीना

गुरुवार को आतंकियों ने एसपी पर हमला किया था. आतंकी आर्मी की यूनिफॉर्म में थे. उन्होंने एसपी पर हमला किया, आधिकारिक गाड़ी से धक्का देकर गिरा दिया, मोबाइल छीन लिया. इसी मोबाइल से बाद में उन्होंने पाकिस्तान फोन किया था. आतंकियों के आका ने उन्हें एसपी को छोड़ देने पर डांटा भी कि उन्होंने एसीपी को क्यों जाने दिया.

आतंकियों की मोबाइल बातचीत को भारतीय एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया

मोबाइल इंटरसेप्ट्स ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी. फौरन अलर्ट जारी किया गया. नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र अजित डोभाल को बताया गया. एनएसए ने फौरन सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग की. पीएमओ को भी इस बारे में बताया गया और फिर वहां से आदेश लिए गए. एनएसजी और आर्मी की स्पेशल फोर्सेज़ को फौरन पठानकोट के अलग-अलग इलाकों में भेजा गया.

एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो, एनएसजी और आर्मी की स्पेशल फोर्स तैनात की गयी

सुबह के करीब 3.30 बजे आतंकियों ने एयरबेस पर हमला किया. एयरफोर्स के दो जवान और एक गरुण कमांडो उनके हमले में शहीद हो गए. चूंकि आतंकियों की मूवमेंट की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी इसलिए उन्हें एयरबेस के एक इलाके में घेर लिया गया. लेकिन घुप्प अंधेरा होने की वजह से दिक्कत आ रही थी.

थर्मल इमेजिंग की मदद से घुप्प अंधेरे में खोजे गए आतंकी

फौरन एयरफोर्स ने MI 35 हेलीकॉप्टर्स और इज़रायल से मिले UAV हेरोन को उड़ाया. दोनों में ही बेहद ताकतवर थर्मल इमेजिंग सेंसर्स लगे हुए हैं. इन दोनों की मदद से घुप्प अंधेरे में भी चार आतंकियों को खोज निकाला गया और फिर सुरक्षाबलों ने उन्हें मार गिराया. पांचवां आतंकी किसी तरह भागने में कामयाब हो गया लेकिन बाद में उसे भी ढूंढ कर मार गिराया गया. जिसेक बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ये ट्वीट करके कि सभी पांच आतंकियों को मार गिराया गया, ऑपरेशन के खत्म होने की घोषणा की

24 घंटे पहले आतंकियों की जानकारी थी तो हमला रोका क्यों नहीं गया ?

लेकिन यहां पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं कि अगर सुरक्षाबलों को पहले से जानकारी मिल चुकी थी आतंकी पठानकोट में घुस चुके हैं और हमला करने वाले हैं तो फिर हमले को रोका क्यों नहीं गया. अगर सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिल चुकी थी कि आतंकियों ने एसपी के मोबाइल के ज़रिए अपने आकाओं से क्या बात की. तो फिर उनकी लोकेशन क्यों नहीं ट्रैक की गयी. क्यों नहीं हमले के पहले ही उन्हें मार गिराया गया. क्या जानकारी के बावजूद सुरक्षाबल उनके हमले के इंतज़ार में बैठे रहे. और सबसे बड़ा सवाल कि अगर तैयारी पूरी थी आतंकियों से निपटने की तो फिर हमारे तीन जवानों की जान क्यों गयी.

[ये सारी बातें जो इनपुट्स मिली हैं उनके हिसाब से लिखी गयी हैं, हो सकता इसमें कुछ तथ्यात्मक सुधार बाद में किए जाएं]

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