चुनाव का ज़ोर है नेताओं में होड़ है ज़बान पर ना कंट्रोल है ना भौंकने पर कोई रोक है तू हिंदू है, तू मुसलमान हैदलित है, सवर्ण हैनेता साले चालू हैंजनता साली भालू हैनेता डमरू बजाते हैंमदारी का खेल जारी हैफिर अगले चुनाव की बारी है © Alok Ranjan
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