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वो इंटरव्यू वाली लड़की पार्ट - 5


कहानी का चौथा पार्ट यहां पढ़ें
अगली सुबह जब आयशा की नींद खुली तो उसने देखा रोहित दीवार से टेक लगाए.. अपने मोबाइल पर कुछ कर रहा था... जैसे ही उसने आयशा को देखा उसने कहा...

गुड मॉर्निंग...

गुड मॉर्निंग सर...

आय एम वेरी सॉरी आयशा...पता नहीं ये कैसे हो गया.. आय एम रिएली वेरी सॉरी यार... 

अरे प्लीज़ सॉरी मत बोलिए सर... इट्स ओके... ये बताइए ब्रेकफास्ट में क्या खिला रहे हैं... 

ओहहह... ब्रेड और चाय....

हां.. चलेगा-चलेगा...

फिर दोनों ने ब्रेकफास्ट किया... दोनों चुप थे.. दोनोें एक दूसरे से नज़रें चुरा रहे थे... चाय पीते-पीते रोहित ने कहा.. 

ऑफिस भी तो जाना होगा तुम्हें... 

हां जाना तो है.. लेकिन मन नहीं कर रहा... 

अच्छा अगर मन नहीं कर रहा तो मत जाओ... तुम्हारे एक दिन ना जाने से वहां कुछ बिगड़ने वाला थोड़े ही ना है... 

आप जा रहे हो ऑफिस... आयशा ने चेहरे पर सवालिया निशान बनाते हुए पूछा...

रोहित को ये सवाल थोड़ा अटपटा सा लगा... उसने कहा हां जाना तो पड़ेगा... तुम कहो तो ना जाऊं... 

मेरे कहने से आप ऑफिस नहीं जाओगे.. आयशा ने मुस्कुराते हुए रोहित की आंखों पर अपनी आंखे टिकाती हुई बोली... 

रोहित ने उसकी आंखों में ठीक वैसे ही झांकते हुए कहा.. हां.. बोल कर देखो नहीं जाऊंगा.. 

तो फिर मत जाओ.. इतना कहकर आयशा हंसने लगी... 

रोहित को पहले तो कुछ समझ नहीं आया.. लेकिन जब बात उसके भेजे में घुसी तो वो आयशा के और ज्यादा करीब खिसक गया...

उस दिन रोहित ऑफिस नहीं गया... आयशा ने भी अपने घर फोन करके बहाना मारा कि रात में जिस बर्थडे पार्टी में गयी थी वहां देर हो गयी.. इसलिए वो इधर से ही ऑफिस निकल रही है... शाम को घर आएगी... 

उस दिन ना तो आयशा ही घर से बाहर गयी.. और ना ही रोहित...सर्दियों के दिन थे इसलिए शाम जल्दी घिर आयी.. शाम 6 बजे के करीब रोहित ने आयशा को उसके घर ड्रॉप कर दिया... दोनों के बीच कुछ शुरु हो चुका था.. लेकिन क्या ये प्यार था... या कुछ और... दोनों में से किसी को कुछ भी नहीं पता था... लेकिन हां दोनों इस नए शुरु हुए रिश्ते की गर्माहट और संजीदगी समझ रहे थे... 

हाय रोहित सर... कैसे हैं आप... 

हाय आयशा.. मैं ठीक हूं... तुम बताओ... 

कुछ नहीं सर आज इंटर्नशिप का आखिरी दिन है... एक-दो जगहों पर सीवी डाली है.. कहीं ना कहीं हो ही जाएगा... छोटी मोटी कंपनी में तो मिल ही जाएगी  नौकरी... 

अच्छा... हां.. वो तो मिल ही जाएगी... चलो कैंटीन चलते हैं... चाय पीते हैं... वैसे भी चाय तो तुम्हें कुछ ज्यादा ही पसंद है... रोहित ने रहस्यमयी मुस्कुराहट देते हुए आयशा की ओर देखा... 

आयशा फौरन शर्मा गयी... और बोली हां चलिए... चाय पीते हैं.. वैसे भी आपके साथ ऑफिस में अब ये आखिरी चाय होगी... 

टेबल पर जैसे ही चाय आयी.. अचानक आयशा करीब-करीब उछलते हुए बोली.. 

अरे सर.. आपको तो बर्थडे आने वाला है... 

हां आने तो वाला है.. 

तो आपका बर्थडे कल सेलीब्रेट करते हैं... कल मैं कुछ काम से ऑफिस आउंगी.. उसके बाद आपके साथ ही चलेंगे... काजल और दिव्या को भी बोल देती हूं... आपको ट्रीट देनी पड़ेगी.. क्योंकि अब तो आप बर्थडे अपनी बीवी के साथ मनाओगे... हफ्ते भर में आपकी शादी हो जानी है... 

रोहित ने कहा ठीक है... कल का डन करते हैं फिर... 

अगले दिन आयशा... काजल और दिव्या ने मिलकर रोहित का बर्थडे मनाया... बर्थडे के अगले ही दिन रोहित को घर निकलना था.. आखिर शादी जो थी उसकी...आयशा बेहद खुश नज़र आ रही थी.. लेकिन असल में वो थी नहीं... वो रोना चाहती थी... वो जानती थी.. कि जिस रास्ते वो बढ़ चुकी है.. उस पर उसकी मंज़िल नहीं आएगी... वो कुछ भी कर ले.. लेकिन वो रोहित को नहीं पा सकती... रोहित भी उपर से खुश तो था.. लेकिन मन ही मन उसे भी इस बात का अहसास था.. कि आयशा से दूर होना उसके लिए अब मुश्किल होने वाला है... कुछ तो है कनेक्शन है दोनों के बीच... जिससे वो एक-दूसरे से जुड़ गए हैं...

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