ये खबर एक्सक्लूसिव है !
बहुत दिनों तक चुप बैठ रहा... सोच रहा था कि ना बोलना ही ज्यादा अच्छा है... पर क्या करूं रहा ही नहीं जाता... बिहारी हूं ना... चुप रहा ही नहीं जाता... किसी खबिरया चैनल ने ब्रेकिंग न्यूज़ चलायी... मुंबई धमाकों में जिन हैंडग्रेनेड्स का इस्तेमाल हुआ था वो उसी कंपनी का था... जिसका इस्तेमाल 93 के मुंबई ब्लास्ट में किया गया था.. यानि की इन धमाकों में भी दाउद इब्राहिम का हाथ हैं... मैं यहां पर ना तो दाउद का पक्ष ले रहा हूं और ना ही जांच एजेंसियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा हूं... बात यहां पर न्यूज़ चैनल्स की खासकर हिंदी के चैनल्स की हो रही है... अपने आप को सबसे तेज़ और देश का सर्वश्रेष्ठ कहने वाला चैनल तो हर तीसरे दिन दाउद इब्राहिम से जुड़ी सनसनीखेज और एक्सक्लूसिव जानकारी देने की बात कह कर आधे घंटे का (कभी-कभी एक घंटे का भी) स्पेशल प्रोग्राम बना देता है... तस्वीरें ले देकर वहीं रहती हैं जो स्टॉक में पड़ीं हैं... उनकी एडिंटिंग भी कमोबेश एक सी ही रहती है... बस स्क्रिप्ट बदल जाती है... कहने का मेरा मतलब ये है कि आप दर्शकों को कुछ भी दिखा दो... ना तो वो पूछने जाता है... ना ही दाउद इब्राहिम या उसका कोई गुर्गा ये सफाई देने आता है कि जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वो गलत है या सही है... और ना ही जांच एजेंसियां इसे गंभीरता से लेती हैं... अब इसे चैनल चलाने की कवायद कह लें या फिर आज की पत्रकारिता (शायद मैंने गलत शब्द का इस्तेमाल किया) मुंबई में आतंकी हमला हुआ... पत्रकारों की एक पूरी फौज ताज होटल, ओबेरॉय और नरीमन हाउस के बाहर कई दिनों तक डटे रहे... समाचार वाचक लगातार दर्शकों को बताते रहे कि हमारे रिपोर्टर जान पर खेलकर आपतक खबरें पहुंचा रहे हैं... ना किसी को खाने की फिक्र है और ना ही सोने की... चलिए बहुत अच्छी बात है... दर्शकों ने भी खूब सराहा.. वाह क्या जज्बा है... लेकिन हकीकत में जज्बा ये था कि कहीं वो टीआरपी की रेस में पिछड़ ना जाएं... किसी दूसरे चैनल से उनका चैनल पीछे ना रह जाए इसलिए हेड ऑफिस से हर मिनट फोन खड़काएं जा रहें थें... रिपोर्टर बेचारा अपनी जान बचाए... दूसरे रिपोर्टर क्या कर रहें हैं उस पर नज़र रखे... साथ ही एक्सक्लूसिव जानकारी भी पता करें... और उसके बाद एसी ऑफिस में बैठे बॉस की गालियां भी सुने... यानि कुल मिलाकर टीआरपी के लिए कुछ भी करने से परहेज़ नहीं है... खैर ज्यादा बोलूंगा तो पता नहीं कितनी बातें सामने आ जाएंगी... थोड़ा बहुत अगली बार के लिए छोड़ देता हूं...
ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं… इसी तरह खूब अच्छा लिखें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें ताकि टिप्पणी करने में बाधा न आये… धन्यवाद्।
ReplyDeleteswaagat hai aapakaa likhate rahen isee thrah
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteयहाँ सब ब्रेकिंग-ब्रेकिंग है........इस कहानी में स्पीड ब्रेकर नहीं होते....इसलिए सोच में भी स्पीड ब्रेकर नहीं हुआ करते....इसलिए कुछ भी सोच कर नहीं किया जाता
ReplyDeleteइसलिए कुछ ग़लत भी हो जाए तो उस पर शब्दों का लब्बो-लुबाब बना कर उसे कोई और ही दिशा दे दी जाती है.....मजा यह कि यहीं से दिशाहीनता पैदा होती है....
क्यूंकि टॉप पर बैठा व्यक्ति भी इसी दिशाहीनता का शिकार होता है.....!!
िजंदगी की सच्चाई को आपने शब्दबद्ध किया है । अच्छा िलखा है आपने ।
ReplyDeletehttp://www.ashokvichar.blogspot.com
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.
ReplyDeleteखूब लिखें,अच्छा लिखें
bahut acche dhang se prakash dala hai.....
ReplyDeletedear alok your article is very good. i am proud of you.praveen raj singh
ReplyDeleteभावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
ReplyDeleteलिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
ब्लॉग की दुनिया के पुराने महारथियों का सान्निध्य और दिशानिर्देशन मिला... आप सभी का शुक्रिया... बस यूं ही नए ब्लॉगर्स पर आशीर्वाद बनाएं रखें... धन्यवाद
ReplyDeleteसच कहा है
ReplyDeleteबहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.ucohindi.co.nr )
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr
हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
ReplyDeleteइच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए!!!!
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए!!!!!
प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
सही है की "हम बोलेगा तो बोलोगे की.....".स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.
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