भ्रष्टाचार… तू महान है... ना कोई तेरे समान है...
- हैलो दिल्ली एंटी करप्शन
हेल्पलाइन
- हां जी
- सर मैं राजेश बग्गा
हूं, शकरपुर इलाके में रहता हूं
- क्या आपसे किसी
सरकारी कर्मचारी ने रिश्वत मांगी है
- हां जी...हां जी..
-
जी
मुझे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है... लेकिन मुझसे एक हज़ार रुपए की रिश्वत मांगी
जा रही है
-
कौन
मांग रहा है आपसे रिश्वत
-
जी
वो लाइसेंस वाला बाबू
-
क्या
नाम है उनका
-
जी रत्नेश
कुमार
-
ठीक
है, आप निश्चिंत रहिए, हम आपको बताएंगे कि क्या करना है
-
हां
जी...हां जी... हां जी
-
हैलो...
मैं एंटी करप्शन ब्यूरो से जगत सिंह बोल रहा हूं, रत्नेश कुमार जी से बात हो जाएगी
-
हां
जी सर... बताइए सर... कोई सेवा है मौका दीजिए...
-
रत्नेश
जी आपके खिलाफ शिकायत आयी है, आपने राजेश बग्गा जी से एक हज़ार रुपए रिश्वत मांगी
है...
-
क्या
बात कर रहे हैं सर...
-
जी
हां रत्नेश जी... अब बताइए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए...
-
अरे
सर... क्या बात करते हैं... आप भी बाल बच्चेदार आदमी हैं...
-
देखिए
हमें इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, सीएम साहब का ऑर्डर है, एक भी
भ्रष्टाचारी को छोड़ना नहीं है
-
ठीक
है सर फिर कार्रवाई कर दीजिए, लाइसेंस भी सीएम साहब आकर ही बनाएंगे क्योंकि बिना
पैसे तो ये काम होता नहीं है
-
अच्छा
वैसे एक दिन में कितने लाइसेंस बना लेते हैं आप
-
क्या
बताएं सर.. धंधा ठीक रहा तो 10 बन ही जाते हैं
-
अच्छा
यानी रोज़ का आपका करीब-करीब 10 हज़ार तो बन ही जाता है
-
अब
आप कार्रवाई कर देंगे तो नहीं बनेगा
-
चलिए
ठीक है रोज़ के पांच मेरे पांच आपके
-
क्या
बात कर रहे हैं सर
-
हां
जी..बिल्कुल सही सुना आपने.. आखिर हम भी तो बाल बच्चेदार आदमी हैं
-
हैलो..
राजेश बग्गा जी, मैं एंटी करप्शन डिपार्टमेंट से बोल रहा हूं
-
जी
सर....
-
अरे
भइ ऐसे झूठे आरोप लगाएंगे तो काम कैसे चलेगा... हमने जांच कर ली है... रत्नेश
कुमार जी तो निहायत ही ईमानदार आदमी हैं... कहीं आपकी कोई पुरानी दुश्मनी तो नहीं
है उनसे..
-
सर...सर...सर..
नहीं सर.. ऐसी कोई बात नहीं है... सर वो सच्ची में मुझसे रिश्वत मांग रहा था..
-
अब
आप मुझे झूठा करार दे रहे हैं... पूरे डिपार्टमेंट ने जांच कर ली... वो शरीफ और
ईमानदार आदमी हैं...आपके खिलाफ अब कार्रवाई होगी.. सीएम साहब ने पहले ही कहा था कि
फर्जी कॉल किया तो खैर नहीं...
-
अरे
साहब मैं आम आदमी हूं... उसने रिश्वत मांगी थी सर... सर प्लीज़ मुझे छोड़ दीजीए..
मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं...
-
तो
ऐसा करिए... लिफाफे में 1 हज़ार रुपए रखकर करोलबाग मेट्रो स्टेशन के पास वाले
भिखारी को दे आइए... भिखारी का भला भी हो जाएगा.. और आप पर मैं कार्रवाई भी नहीं
करूंगा.. क्योंकि आपने एक भले का काम कर दिया है.. और वैसे भी धर्म का काम करने
वालों के खिलाफ मैं कुछ करता नहीं
-
हां
जी सर.. हां जी सर.. कर दूंगा सर.. पक्का सर..
-
अबे
कितने का कलेक्शन हुआ बे
-
मालिक
आज तो धंधा मंदा है... 15 हज़ार का ही हुआ है...
-
अच्छा
चल 14 हज़ार इधर दे.. और तू अपना एक हज़ार रख ले...
-
जी
मालिक.. आपकी दया मालिक
-
और
कोई तुझे परेशान तो नहीं कर रहा था... अगर करे तो बोल दियो... एंटी करप्शन वाले
जगत जी की जगह है...
-
जी
मालिक... बिल्कुल मालिक
अब सवाल ये है कि भ्रष्टाचार को खत्म कैसे किया जाए... लूप होल्स तो हर जगह
मिल सकते हैं... ये तो बस एक उदाहरण है... ऐसे तो हज़ारों रास्ते भ्रष्टाचारी
निकाल लेते हैं... तब क्या मुख्यमंत्री जी खुद जांच करेंगे... ज़रूरत हम सभी को
जागने की है... कसम खाइए.. रिश्वत ना देने की... और रिश्वत मांगने वाले शख्स के
खिलाफ आवाज़ उठाने की...
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