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छोटी मीडिया, बड़ी कहानियां पार्ट - 1

चैनल हेड, मैडम एंकर और बेचारा कॉपी एडिटर


शीटीवी बैंगलोर में कॉपी एडिटर के पद पर काम करता राजेश अपना काम खत्म करके कंप्यूटर बंद ही करने वाला था कि तभी उसने देखा कि उसके चैनल की तेज़तर्रार एंकर मटकती हुई आयी और आते ही धड़धड़ा कर बोलना शुरु कर दिया... 

राजेश जी आज तो नाइट शिफ्ट में आपको रूकना पड़ेगा.. 

रूकना पड़ेगा.. लेकिन क्यों...

वो नाइट शिफ्ट के एंकर की तबीयत खराब हो गयी ना... तो आज नहीं आ रहा... इसलिए आपको डबल शिफ्ट करनी पड़ेगी.. 

नहीं-नहीं मैं कैसे करूंगा... वो तो तुम्हारा रीलिवर है... डेज़ीगनेटेड एंकर तो तुम हो... मैं तो शौकिया करता हूं.. और हां इसके लिए मुझे पैसे भी नहीं मिलते हैं... 

राजेश तुम्हें रूकना तो पड़ेगा... मैं बहुत थक गयी हूं... डबल शिफ्ट नहीं कर सकती... 

मैडम ऐसा है... मैं नहीं रूकूंगा... स्टोरी भी लिखो... बुलेटिन भी निकालों और फिर जाकर एंकरिंग भी करो... एक शिफ्ट में इससे ज्यादा काम नहीं कर सकता और आपने गिनती के सिर्फ 4 बुलेटिन किए हैं... 

अरे ऐसे कैसे नहीं रूकोगे... मैं बॉस से बात करती हूं... 

हां-हां जाओ कर लो... बॉस कहेंगे तब भी नहीं रूकूंगा... रिक्वेस्ट करती तो रूक भी जाता लेकिन तुम जो कि मेरी जूनियर होकर... बॉस बनने की कोशिश कर रही हो... बॉस के करीब हो इसका मतलब ये नहीं की तुम ही बॉस हो... 

जैसे ही एंकर मैडम ने ये बातें सुनीं... रोना शुरु कर दिया.. डेस्क पर मौजूद लोग भी हैरान रह गए... हद तो तब हो गयी जब मैडम ने रोते-रोते आउटपुट हेड को फोन किया... और पूरी रामकहानी बतायी... मैडम ने जैसे ही फोन रखा... वैसे ही डेस्क इंचार्ट रामेश्वर जी का फोन बजना शुरु हुआ... 

जी सर... 

हां सर... 

ठीक है सर.. मैं बोलता हूं... 

हां सर... बिल्कुल सर...  पक्का सर... 

राजेश... यार कर ले नाइट शिफ्ट...बॉस कह रहे हैं... 

सर.. बिल्कुल नहीं... कैसी बात कर रहे हैं आप.. आपको समझ में तो आ रहा है ना कि यहां पर क्या हो रहा है... 

हां यार राजेश.. मैं समझ रहा हूं... लेकिन छोड़ ना यार.. मैं तुझसे सीनियर हूं ना.. मेरी बात मान ले... कर ले डबल शिफ्ट...नहीं तो तुझे नाइट शिफ्ट में डालने का फरमान बॉस ने सुनाया है... 

सर... डाल दो नाइट शिफ्ट में.. वो मंज़ूर है.. लेकिन आज तो डबल शिफ्ट नहीं करूंगा... 

इतना कहकर राजेश ने अपना सिस्टम बंद किया.. बैग उठाया... और ऑफिस से निकलकर बस स्टॉप पर पहुंच गया... ज़ाहिर है वो अगले दिन से अनिश्चितकाल तक नाइट शिफ्ट करने का मन बना चुका था... 

करीब दो हफ्ते बाद.. राजेश ने सोचा कि घर हो आया जाए... इसलिए उसने छुट्टी की अर्ज़ी लिखी और अपने डेस्क इंचार्च को थमा दिया... 

अबे 15 दिनों के लिए जाएगा... 

अरे सर.. साल भर में एक बार जाता हूं... 4 दिन तो आने जाने में लग जाते हैं.. अब साल में एक बार जाऊंगा तो 10 दिन भी ना रहा घर पर.. तो घरवाले क्या कहेंगे... 

अच्छा ठीक है.. लेकिन इस पर तो बॉस के ही साइन होंगे... 

हां तो आप करवा लेना ना... मैं तो नाइट में हूं... दिन में फिर रूकना पड़ेगा... 

अगले दिन राजेश का ऑफ था... रात करीब 8 बजे उसके डेस्क इंचार्ज का फोन आया... उनका कहना था कि बॉस ने कहा है कि अगली रात जब वो ऑफिस आए तो दिन में मिलकर जाए.. छुट्टियों वाली अर्ज़ी पर बात करनी है... 

राजेश ने नाइट शिफ्ट की और फिर रुका रहा...जो  बॉस रोज़ाना सुबह 10 बजे ऑफिस आ जाता था.. उस दिन वो दोपहर दो बजे आया... अपना सामान अपने केबिन में रखकर वो डेस्क की ओर आया... राजेश को बोला कि वीओ रूम में आओ... 

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे आदेश को ना मानने की... 

राजेश ने जैसे ही वीओ रूम का दरवाज़ा बंद किया... बॉस की दहाड़ती हुई आवाज़ आयी... 

नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं है... आप गलत समझ रहे हैं... मैं कॉपी एडिटर हूं.. दिन भर स्टोरीज़ लिखता हूं... बुलेटिन भी निकालता हूं.. और साथ में एक शो भी एंकर करता हूं.. जबकि चुगली मैडम तो सिर्फ एंकरिंग करती हैं... और उस दिन तो शायद 4 बुलेटिन ही किए थे... इसलिए मैंने ऐसा कहा... 

तुम जानते नहीं हो मुझे... तुम्हारा करियर बर्बाद कर दूंगा... कहीं के नहीं रहोगे तुम... 

सर... आप मुझसे ऐसे नहीं बात कर सकते... मैंने कोई क्राइम नहीं किया है... मैनेजमेंट के नियमों के मुताबिक मैंने कोई गलती नहीं की है... डेज़ीगनेटेड एंकर का रीलिवर अगर नहीं आया तो... एंकर को ही डबल शिफ्ट करनी होती है.. ना कि मेरे जैसे काम चलाऊ एंकर को... 

तुम मुझसे बहस कर रहे हो.. तुम जानते नहीं हो मेरी पहुंच कहां है... और.. और.. तुम मुझे नियम समझा रहे हो... देखता हूं तुम कहीं और नौकरी कैसे करते हो... ये छुट्टी लेकर जो तुम नौकरी खोजने जा रहे हो ना... वहां नौकरी करने नहीं दूंगा.. सिर्फ 5 दिन की छुट्टी मिलेगी.. इससे ज्यादा नहीं...

सर.. चार दिन तो घर आने जाने में लग जाते हैं...एक साल बाद जा रहा हूं.. एक दिन के लिए क्या करने जाऊंगा.. 

तो मत जाओ.. मैं तुम्हारा बॉस हूं.. और पांच दिन की ही छुट्टी मंज़ूर करूंगा... इतना कहकर बॉस ने दरवाज़ा खोला और बाहर निकल गया... बाहर एंकर मैडम तो जैसे उन्हीं के इंतज़ार में खड़ी थीं... चुगली... इधर मेरे केबिन में आओ... शाम के बुलेटिन के सिलसिले में डिसक्स करना है... चुगली  कुमारी मुस्कुराते हुए बॉस के पीछे चल पड़ी... 

एक महीने बाद डेस्क वालों को पता चला कि बॉस की विदाई हो गयी है... साथ में एंकर मोहतरमा चुगली कुमारी की नौकरी भी चली गयी है... दोनों को ऑफिस की गाड़ी में किसी बाज़ार में पकड़ा गया था... 

डेस्क वालों को ये भी पता चला कि... राजेश ने सीधे कंपनी के जनरल मैनेजर से छुट्टी की गुहार लगायी... पूरी कहानी बतायी... जीएम ने टाइम ऑफिस से जब राजेश का रिकॉर्ड मंगाया तो पाया कि उसके खाते में करीब 30 छुट्टियां और 15 दिन के एक्स्ट्रा वर्क पड़े थे... फौरन 30 दिनों की छुट्टी मंज़ूर की गयी.. 


डेस्क वालों की जानकारी में ये भी आया कि राजेश की नौकरी दिल्ली में किसी नेशनल चैनल में हो गयी है... वो वापस लौटकर शीटीवी बैंगलोर कभी नहीं गया... हां.. बाद में उसने चुगली कुमारी को उसी चैनल के चक्कर लगाते देखा.. जिसमें वो काम कर रहा था... ज़ाहिर है... तेज़तर्रार एंकर चुगली कुमारी की दाल यहां तो गलने से रही थी... 

(इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत, चालू या बंद चैनल से कोई संबंध नहीं है... ये लेखक की महज़ कोरी कल्पना है.. इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं )

©Alok Ranjan

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