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सब मिले हुए हैं जी (अथ: श्री केजरीवाल कथा)


ये फेसबुक...ट्वीटर...गूगल प्लस वाले आपस में मिले हुए हैं जी... सारे अखबार भी आपस में मिले हुए हैं जी... जितने न्यूज़ चैनल हैं वो भी सब आपस में मिले हुए हैं जी... ये सब आपस में मिलकर हमारे खिलाफ खबरें चलाते हैं जीं... हमारे पास ना तो पुलिस है... ना ही पूर्ण राज्य का दर्जा है जी... हम तो कुछ नहीं कर सकते हैं जी... केंद्र सरकार आम आदमी का भला करने से रोक रही है जी... हम इन सारे मिले हुए पत्रकारों/लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जी... केंद्र सरकार मुझे कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती है जी... मैं तो मुख्यमंत्री हूं जी.. ऐसे कैसे कोई मेरी ऐसी-तैसी कर सकता है जी... आखिर मेरी भी कोई प्रतिष्ठा है जी... अब मैं भला आम आदमी रह नहीं गया हूं जी... सारी मीडिया के खिलाफ कार्रवाई करूंगा जी... मेरे खिलाफ... मेरी सरकार के खिलाफ... मेरे नेताओं के खिलाफ... मेरी पार्टी के खिलाफ... जो भी जाएगा जी... उस पर हमारा डंडा पड़ेगा जी... हमने तो अपनों (योगेंद्र-प्रशांत) को भी नहीं छोड़ा जी.. फिर ये जनता किस खेत की मूली है जी... क्योंकि हमने किसानों के लिए मुआवज़ा घोषित किया है जी... तो सारे खेतों पर भी तो हमारा अधिकारी हुआ जी... खबरदार जो हमारी नापसंद की जाने वाली फसल उगायी जी... धारा 499-500 के तहत विरोधी फसल उगाने के आरोप में उखड़वा दूंगा जी...

हो चचा... उ कौउन कहावत है हो... का कहत हउव हो... हां... हमरा ठेंगा से... 

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