अभी अभी

काश बॉक्सिंग गल्वस पहनकर क्रिकेट खेली जाती !

Tuesday, December 16, 2008
आज ऑफिस से घर आया तो मन बड़ा भारी था... सोचा शायद दिनभर काम किया है उसकी थकान है... रात को सोते वक्त मुझे ध्यान आया कि जितना काम मैं रोज़ कर...Read More

कोई तो सुनो मेरी !

Monday, December 15, 2008
मोड़ पे देखा है वह बूढ़ा-सा इक पेड़ कभी? मेरा वाकिफ है, बहुत सालों से मैं उसे जानता हूं जब मैं छोटा था तो इक आम उड़ाने के लिए परली दीवार से ...Read More