आज ऑफिस से घर आया तो मन बड़ा भारी था... सोचा शायद दिनभर काम किया है उसकी थकान है... रात को सोते वक्त मुझे ध्यान आया कि जितना काम मैं रोज़ कर...Read More
काश बॉक्सिंग गल्वस पहनकर क्रिकेट खेली जाती !
Reviewed by Unknown
on
Tuesday, December 16, 2008
Rating: 5
मोड़ पे देखा है वह बूढ़ा-सा इक पेड़ कभी? मेरा वाकिफ है, बहुत सालों से मैं उसे जानता हूं जब मैं छोटा था तो इक आम उड़ाने के लिए परली दीवार से ...Read More
कोई तो सुनो मेरी !
Reviewed by Unknown
on
Monday, December 15, 2008
Rating: 5
बहुत दिनों तक चुप बैठ रहा... सोच रहा था कि ना बोलना ही ज्यादा अच्छा है... पर क्या करूं रहा ही नहीं जाता... बिहारी हूं ना... चुप रहा ही नहीं ...Read More
ये खबर एक्सक्लूसिव है !
Reviewed by Unknown
on
Friday, December 12, 2008
Rating: 5